प्राचार्य
प्रत्येक बच्चा एक बीज की तरह होता है और अगर इसे प्यार, देखभाल और उचित मार्गदर्शन से पोषित किया जाए तो इसमें बढ़ने की क्षमता होती है। वर्तमान परिदृश्य में यह आवश्यक है कि बच्चे न केवल शिक्षा में उत्कृष्ट हों, बल्कि उनमें सहानुभूति, अनुशासन, व्यक्तित्व, संवेदनशीलता और पारंपरिक मूल्यों का भी विकास हो। शिक्षा वह उपकरण है जिसके द्वारा ही राष्ट्रीय एवं सांस्कृतिक मूल्यों का विकास किया जा सकता है। यह ध्यान में रखते हुए कि पढ़ाना एक जीवन को हमेशा के लिए छूना है, हम समग्र शिक्षा प्रदान करने में विश्वास करते हैं जिसमें शैक्षणिक, सह-पाठ्यचर्या संबंधी गतिविधियाँ, खेल शिक्षा और जीवन-कौशल शामिल हैं। मैं सीखने की एक नई दुनिया में आपका स्वागत करना चाहती हूं जो विद्यालय में प्रवेश पाने वाले प्रत्येक बच्चे को प्रदान की जाती है। आशा है कि इस विद्यालय में प्रत्येक बच्चे की यात्रा निश्चित रूप से सार्थक परिणाम देने और हमारे साझा सपनों की परिकल्पना करने में मदद करेगी।
“अंकुर बड़े होकर अध्ययन वृक्ष बनें और शाखाएँ फैलाएँ।”